ठंड में हाथ-पैरों की अंगुलियों में सूजन आ जाती है। पर्याप्त ब्लड सप्लाई नहीं पहुंचने से ऐसा होता है। बचाव के लिए हाथों को तापते हैं या रजाई में रखना शुरू कर देते हैं। इससे अचानक ब्लड सप्लाई खुलने से डैमेज हो सकता है। अंगुलियों में ज्यादा सूजन आती है। यह बहुत ज्यादा पेनफुल है। तापने के बजाय दस्ताने और मोजे पहनकर रहें। इससे बचाव होगा। कड़ाके की ठंड में शरीर तामपान मेंटेन करने की कोशिश करता है। स्किन से ब्लड डायवर्ट होने के कारण स्किन में ब्लड सप्लाई कम हो पाती है। इससे ज्यादा हीट लॉस और स्वेटिंग कम होती है। स्किन ज्यादा ड्राय होती है।
ठंडे पानी से नहाने और हाथ धोने से यह परेशानी बढ़ सकती है। साथ ही ड्रायनेस और खुजली बढ़ सकती है। ओल्ड एज में फंगल इंफैक्शन के चांस बढ़ जाते हैं। ऑयलिंग करें और एंटी फंगल टेबलेट लें। इसके अलावा वायरल इंफैक्शन होना सामान्य है। इसमें चिकन पॉक्स की तरफ फफोले निकल आते हैं।